सनातन न्यूज़
- 12-Mar-2024
- By : नीलकंठ सेवा संस्था
संतो को करनी चाहिए मध्यस्ता, हिंदू सावधान रहे सनातन के सबसे बड़े धर्म गुरु शंकराचार्य को बदनाम करने हो रहा षड्यंत्र– नीलकंठ महाराज
पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराज
22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि का प्राण प्रतिष्ठा है सभी हिंदुओ में उत्साह का माहौल है श्री नीलकंठ सेवा संस्था के संस्थापक पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराज भी सभी सनातानियो के घर घर जा कर अपील कर रहे है की 22 जनवरी को एक बड़े पर्व के उपलक्ष्य में मनाना है अपने घर को दीप से, रोशन करना है रंगोली बनाओ फटाके फोड़ों यही सभी सनातानियो से अपिल की जा रही है। कुछ दिन से सोशल मीडिया में यही चल रहा है की पूज्य शंकराचार्य जी ने राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा से जाने से इंकार कर दिया है। हमारे सनातन धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरु पूज्य श्री शंकराचार्य जी ने प्राण प्रतिष्ठा में जाने से क्यों मना किया है इसका बिना कारण जाने बिना जानकारी के अभाव से सभी हिंदू हमारे शंकराचार्य जी के बारे में गलत गलत पोस्ट को शेयर कर रहे है। नीलकंठ महाराज ने सभी सनातानियो से अनुरोध करते हुए कहा है की हमारे शंकराचार्य के बारे में गलत पोस्ट को शेयर न करे जिस विषय में शंकराचार्य कह रहे है वह शस्त्र सम्मत बाते कर रहे है क्योंकि हमारे शंकराचार्य शास्त्रों से बंधे we शास्त्र से बाहर होकर बात नही कर सकते। शंकराचार्य ने कहा कि 22 जनवरी को कोई मुहूर्त नही है और अभी मंदिर निर्माण भी संपूर्ण नही हुआ है तो प्राण प्रतिष्ठा में इतनी हड़बड़ी क्यों? यह सुनकर हिंदुओ ने शंकराचार्य जी के खिलाफ गलत पोस्ट करने लग गए जो की वाम पंथियों द्वारा शंकराचार्य जी को हिंदुओ से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है और वही लोग उनके खिलाफ पोस्ट बना रहे है और हमारे हिंदू भाई उसे शेयर भी कर रहे है। हिंदुओ का कहना है भगवान के लिए कोई मुहूर्त नही देखा जाता। बात सही है पर शास्त्रों में लिखा है की किसी भी मंगल कार्य के लिए मुहूर्त देखना अनिवार्य है और मंदिर पूर्णतः संपूर्ण हो जाए शिखर बनकर तैयार हो जाए तभी प्राण प्रतिष्ठा की जाती है तो शंकराचार्य जी शास्त्रों के अनुसार बात करते है। पूरी के शंकराचार्य जी ने कहा कि हम क्या वहा खड़े होकर ताली बजाएंगे। इसको भी सोशल मीडिया में खून तोड़ मरोड़ के दर्शाया गया है। जब कोई मुस्लिम नेता एक मस्जिद का निर्माण करता है तो उस नेता ने अपना दायित्व पूरा किया अब आगे की जो उनकी पूजा पद्धति है वह सब मौलवी करता है। मिसिनिरियो
“जो संत अयोध्या जा रहे उन्हे पूज्य शंकराचार्य एवं मोदी जी के बीच करनी चाहिए मध्यस्ता.”
के चर्चा निर्माण होता है तो वहा की पूजा पद्धति उनका फॉदर करता है। उसी प्रकार जब हमारे देश के एक सबसे बड़े धाम का निर्माण हो रहा है तो हमारे वर्तमान के शंकराचार्य जी का भी दायित्व होता है की वो अपने हाथो से प्राण प्रतिष्ठा को करे। न की खड़े होकर ताली बजाएंगे। तो हमारे शंकराचार्य शास्त्र के अनुसार चलते है हम शास्त्रों से पता चला है कि भगवान राम है, भगवान कृष्ण है हमारे शास्त्रों से ही सुप्रीमकोर्ट को राम जन्मभूमि उस स्थान में है उसकी जानकारी मिली है शास्त्र के अनुसार धर्म चलता है और धर्म के अनुसार ही राजनीति करनी है न की राजनीति के अनुसार धर्म को चलाना है अगर हम शंकराचार्य को दर किनार करते है तो हम सब फिर से राजनीति के गुलाम हो जायेंगे जैसा कांग्रेस शासन काल में रहा है। अभी हम हिंदू एक हो रहे है तो सतर्क होकर चलना है सबको लेकर चलना है नही तो हिंदुओ को तोड़ने के लिए बहुत से कालनेमी बैठे है। नीलकंठ महाराज ने उन संतो से भी अपील की है जो अयोध्या प्रभु श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा में जा रहे है की मध्यस्ता कर। शंकराचार्य को बातो को मोदी जी के सामने रख कर। सर्व सहमति से बड़े धूम धाम से 22 जनवरी का उत्सव मनाए। हम सभी हिंदुओ का दायित्व है की हम अपने पूज्य शंकराचार्य का सम्मान करे और उनकी बातो को सुने समझे और हम हिंदुओ को भी यह जानकारी होनी चाहिए की सनातन धर्म के शंकराचार्य के क्या कार्य क्षेत्र है और हमारे 13 अखाड़ा के भी क्या कार्य क्षेत्र है हमारे बहुत से हिंदुओ को इस विषय की जानकारी नहीं है जिसके कारण पूज्य शंकराचार्य जी के विरोधी पोस्ट को भी शेयर कर रहे है। पूरी के शंकराचार्य जी बार बार शासन को अवगत भी करा रहे है की कुछ फर्जी शंकराचार्य भी है जो अल्पज्ञानी है जिनको शास्त्रों को पूर्ण जानकारी भी नही है वह शंकराचार बनकर बैठे है स्वामी निश्चलानंद जी ने खुलासा भी किया की उनका आतंकवादी संगठन से भी संबंध रह चुका है ऐसे फर्जी शंकराचार्य के ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए ना की प्रशासन द्वारा उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन दिया जाय। पुनः समस्त सनातानियो से निवेदन है की शंकराचार्य जी के बारे में गलत पोस्ट न करे। हमे धर्म के आधार पर राजनीति करनी न की राजनीति के आधार पर धर्म चलाना है। 22 जनवरी को सब मिलजुलकर धूम धाम से उत्सव को मनाए।