सनातन न्यूज़

- 12-Mar-2025
- By : Reporter
छत्तीसगढ़ में भी मुस्लिम समाज को होली के दिन नमाज़ घर में पढ़े। और जिनको रंगों से तकलीफ है वो घर से बाहर न निकले, हिंदू होली को नशे का त्यौहार न बनाए :· नीलकंठ महाराज
बता दे के की 14 मार्च को होली है और उसी दिन शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ भी है। धर्म संसद आयोजक एवं श्री नीलकंठ सेवा संस्था के संस्थापक पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराज ने कहा कि शुक्रवार साल में 52 बार आता है और होली साल में एक बार आती है। इसीलिए मुस्लिम समाज को भाईचारा का संदेश देते हुए नमाज़ घर में पढ़नी चाहिए। और जिन्हें रंगों से
“ मुस्लिम समाज होली के दिन नमाज़ घर में पढ़े.”
तकलीफ है वह घर के अंदर रहे नहीं तो तिरपाल पहनकर बाहर निकले। क्योंकि हिंदुओं के लिए यह बड़ा त्यौहार है और सभी हिंदू होली को धूम धाम से मनाया जाए।
हिंदू भी होली को नशे और जूए का त्यौहार न बनाए रंगों का त्यौहार बनाए। होली एक एक दूसरे आपसी मतभेद खत्म कर आपसी भाईचारा का त्यौहार है सभी हिंदू मिलजुलकर होली खेले और नशे से दूर रहे।