सनातन न्यूज़
- 12-Nov-2024
- By : Reporter
NCP शरद पवार कभी सनातन धर्म की बात नहीं करते हमेशा मुस्लिम समाज की ही चिंता करते है यह मेरा पुराना अनुभव है उनके साथ:· नीलकंठ महाराज
धर्म संसद आयोजक पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराज ने बताया कि मेरा शरद पवार की पार्टी में रहकर पुराना अनुभव है। 2010 से 2021 तक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में रहा। पहले जिलाध्यक्ष रहा उसके बाद सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष बना फिर युवा राष्ट्रीय सचिव पद पर भी बहुत समय तक रहा। परंतु उस बीच में केवल यही देखने को मिला कि मुस्लिमों को कैसे खुश करे । शरद पवार ने हमेशा मुस्लिमों को खुश रखने की बात कही कभी भी हिंदुओं के विषय में नहीं सोचा कभी भी हिंदुओं को एकजुट करने के विषय में नहीं सोचा हमेशा हिंदू को जाति के आधार पर बांटने का काम किया और मुस्लिमों को एक होकर रहने को कहा। जब भी इनके राष्ट्रीय अधिवेशन में जाते थे तो वहां भी लगभग मुस्लिमों के विषय में ही चर्चा हुआ करती थी कि मुसलमानों के ऊपर अत्याचार हो रहा है कभी शरद पवार ने ये नहीं कहा कि कश्मीर से हिंदू क्यों पलायन हुए, कभी ये नहीं कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओ की स्थिति क्यों खराब है कभी शरद पवार ने मुस्लिमों के ऊपर नाराजगी नहीं जताई कि हिंदुओं के ऊपर पत्थराव करे रहे है हम इसकी निंदा करते है। कही गलती से हिंदू की तरफ से मुस्लिम के लिए कुछ गलत घटना हो जाए तो यही लोग छाती पीट पीट के रोते थे।
पाल घर में दो साधुओं की हत्या हुई शरद पवार, उद्धव ठाकरे मौन रहे। और जब मैने विरोध किया तो दिल्ली से मेरे पास फोन आने लगा कि आप अपनी पार्टी का विरोध कर रहे है आप अपने स्टेटमेंट को बदलिए। क्योंकि उस समय शरद पवार की सरकार थी महाराष्ट्र में,मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा था। जब कोरोना काल में तब्लीकी जमात संक्रमण
“शरद पवार ने हमेशा मुस्लिमों को खुश रखने की बात कही.”
फैलाने लगी उस समय हम तब्लीकी जमात का विरोध कर रहे थे तब भी मेरे ऊपर दबाव बनाया जाता था कि आप अपने सारे पोस्ट डिलीट करे वरना आप को पद से हल्का कर दिया जाएगा। जब मेडिकल स्टाफ मुस्लिम कोरोना मरीज को लेने जाते थे तो मुस्लिम लोग मेडिकल स्टाफ के ऊपर पत्थराव करते थे तब भी हम विरोध करते थे तो हमारे ऊपर दबाव आता था कि आप किसी भी प्रकार का मुस्लिम को लेकर विरोध नहीं कर सकते। शरद पवार और उनकी पार्टी की मुस्लिम प्रेम को देखकर हमसे रहा नहीं गया हमने अपने पद से और सदस्य से स्टॉफ दे दिया था। शरद पवार जी एक भी मुस्लिम को नाराज नहीं करना चाहते थे चाहे उनके चक्कर में करोड़ों हिंदू नाराज़ हो जाए। उन्हें हिंदुओ से मतलब नहीं केवल मुस्लिमों से है।
अभी सभी ने देख ही लिया है कि विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की 17 मांग को समर्थन दे दिया है आल इंडिया उलेमा बोर्ड ने इसी शर्त में अपना समर्थन देने की बात कही। इनको हिंदू वोट से मतलब नहीं केवल मुस्लिम वोट चाहिए।
यही वजह थी कि मैने 1 जनवरी 2022 को पार्टी से इस्तीफा दिया था । हमारे विचार मेल नहीं खा रहे थे। मुझे हमेशा यही कहा जाता था आप केवल सनातन धर्म वाले काम करते हो बंद करो वो सब हमारी पार्टी सेकुलर पार्टी है हमें सब को लेकर चलना है आप के इस कार्य से मुस्लिम समाज नाराज हो सकते है
यही सब कारण से मुझे इस्तीफा देना उचित लगा। क्योंकि मेरी शुरू से सनातन धर्म को लेकर रुचि रही है। फिर भी मैने 12 साल तक शरद पवार NCP को झेला।