सनातन न्यूज़
- 17-Oct-2024
- By : Reporter
हिन्दू कौन सी ऐसी आध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहें हैं जो वेदों-उपनिषदों में कहीं नहीं दी गयीं हैं ?:– नीलकंठ महाराज
धर्म संसद आयोजक पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराज ने हिंदुओ को सतर्क रहकर अपने देवी देवताओं को पूजने को कहा है कहा की हमारे धर्म में मुर्दे की कब्र में पूजा करना मतलब चांडाल योनि में जाना। कहा की पूरे देश में जगह-जगह पर बनी हुई कब्रों ,मजारों या दरगाहों पर हर वीरवार को जाकर शीश झुकाने व मन्नत करने वाले हिन्दू सेकुलरों से मेरे कुछ प्रश्न हैं...
1.क्या एक कब्र जिसमे किसी मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चूकी है वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती हैं ?
2. ज्यादातर कब्र या मजार उन मुसलमानों की हैं , जो हमारे वीर पूर्वजो से लड़ते हुए मारे गए थे , उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत मांगना क्या उन वीर पूर्वजो की वीरता का अपमान नहीं हैं ! जिन्होंने अपने प्राण धर्म की रक्षा करते बलिवेदी पर समर्पित कर दिये थे ?
3. क्या हिन्दुओं के राम , कृष्ण अथवा 33 प्रकार देवी देवता शक्तिहीन हो चुकें हैं ?? जो इच्छापूर्ति हेतु मुसलमानों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक हैं ??
4. जब गीता में भगवान श्री कृष्ण जी महाराज ने कहा हैं कि कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती हैं ,तो मजारों में जाकर दुआ मांगने से क्या हासिल होगा ??
#श्रीमद_भगवदगीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं भूत प्रेत , मुर्दा , पितृ
“इस लेख को पढ़ कर कुछ छद्म सेकुलरों की बुद्धि में कुछ हलचल होगा.”
(खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र , मजार अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत - प्रेत व पितृ की योनी में ही विचरण करते हैं व उसे ही प्राप्त करते हैं ।
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी ,महाराणा प्रताप , हरी सिंह नवला ,मंगल पाण्डेय आदि वीरो की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करने वालें मुगलों की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते हैं ?
6. क्या संसार में इससे बड़ी मुर्खता का प्रमाण आपको मिल सकता हैं ?
7. हिन्दू कौन सी ऐसी आध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहें हैं जो वेदों-उपनिषदों में कहीं नहीं गयीं हैं ?
8. कब्र , मजार पूजा को हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल और सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ को अँधेरे में रखना और धर्मांतरण करना नहीं तो क्या हैं ?
नीलकंठ महाराज ने अंत में हिंदुओ से अनुरोध किया की मुझे पूरी उम्मीद हैं इस लेख को पढ़ कर कुछ छद्म सेकुलरों की बुद्धि में कुछ हलचल होगा आप आर्य राजा श्री राम और श्री कृष्ण जी महाराज की संतान हैं , तो तत्काल मुर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दे और अन्य हिन्दुओ को भी इस बारे में बता कर उनका अंधविश्वास दूर करें।