सनातन न्यूज़
- 11-Oct-2024
- By : Reporter
भगवान राम के नाम की राजनीति न करे राजनीतिक दल के नेता:· नीलकंठ महाराज
नीलकंठ महाराज ने कहा कि भगवान राम के आदर्श आचार विचार का प्रसार करे न की उनके नाम पर राजनीति करे। भगवान राम की प्रतिमा हमेशा से ऐसे बनती आई है जब भक्त उनके मूर्ति स्वरूप को देखता है तो उनके आदर्श विचार भक्तो में मन में अपने आप आने लगते है। यदि भाजपा मूर्ति बदल भी रही है तो उसमे राजनीति नही होनी चाहिए।
Vo1- प्रभु श्री राम का दो अक्षर का नाम देशभर के 100 करोड़ से ज्यादा हिंदुस्तानियों के दिल से जुड़ा है.. तो जब जब श्री नाम के नाम पर सियासत होती है, श्री राम के भक्तों की धमनियों में उबाल आ जाता है.. छत्तीसगढ़ में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.. प्रदेश में राजनीति की दिशा फिर एक बार भगवान श्री राम की तरफ मुड़ गई है... चंद्रखुरी की श्री राम की मुर्ति को लेकर प्रदेश की सियासत तब भी भारी हुई थी.... जब प्रतिमा का अनावरण हुआ था... अब मूर्ति बदलने की बात में भी सियासी गलियारा फिर राम नाम से गूंज उठा है... दरअसल छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल भगवान राम की नई मूर्ति को ग्वालियर में तैयार करवा रहा है... जिसके बाद अब एक फिर राजनीति... एक बार फिर जुबानी जंग... फिर एक बार भाजपा-कांग्रेस आमने सामने हैं... चलिए पहले आपको वर्तमान की प्रतिमा और नई प्रतिमा की जानकारी दे देते हैं...
TOP- चंद्रखुरी में श्री राम की विशाल प्रतिमा..
बिल्हा स्टोन से बनी हैं, 51 फीट ऊंची प्रतिमा
मध्यप्रदेश और ओडिशा के कलाकारों ने बनाई है
69 लाख रुपए की लागत से बनी है भव्य प्रतिमा
अब नई मुर्ति भी 51 फीट भव्य उचाई वाली होगी
ग्वालियर के मुर्तिकार दे रहे श्री राम की भव्य प्रतिमा को आकार
श्री राम की प्रतिमा सैंड स्टोन से बनाई जा रही है
2 महीने में बन कर तैयार
“नीलकंठ महाराज ने कहा कि भगवान राम के आदर्श आचार विचार का प्रसार करे न की उनके नाम पर राजनीति करे। .”
हो जाएगी प्रतिमा
नई प्रतिमा में कुल 78 लाख रुपए खर्च होंगे
वर्तमान में भगवान राम की प्रतिमा सरकारी पैसे से नही एक एजेंसी के पैसे से बनाई जा रही है
Vo2- श्री राम के नाम छत्तीसगढ़ में सालों से बयानबाजियों का दौर चला आ रहा है.. अब जब मुर्ति बदलने की चर्चा हैं तो ऐसे में कांग्रेस बीजेपी कहां चुप रहने वाले थे... बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने राम के नाम पर केवल दिखावा किया है... कांग्रेस सरकार राम जी की सही तरह से मूर्ति नहीं लगा पाई... भाजपा ने ये निर्णय किया की ईश्वर की मूर्ति सही स्वरूप में लगे... तो इधर कांग्रेस भी सरकार को घेरने में लगी है.. पूर्व शिव डहरिया कह रहे हैं कि बीजेपी सिर्फ श्री राम के नाम पर जिंदा है... वहीं सुशील आनंद शुक्ला कहना है कि भगवान प्रभु राम की जो प्रतिमा है उसे विवाद की शुरुआत भाजपा ने की थी.... उन्होंने कौशल्या माता मंदिर का उत्थान नहीं किया.. कांग्रेस सरकार ने भव्य विशाल भगवान श्री राम की मूर्ति लगाई वह वनवासी राम का स्वरूप है...
नीलकंठ महाराज ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेता के लिए राम सिर्फ राजनीति से जुड़ा मसला हैं... जबकि प्रदेश में श्रीराम का भांजा माना जाता है तो इस मुद्दे पर तो सियासत होनी ही नहीं चाहिए.. लेकिन लोगों की आस्था और सियासत के आखाड़े का सबसे बड़ा मुद्दा.. कभी भी राजनीतिक दलों के बयान में आ जाता है... जिस मुर्ति को लेकर भारी राजनीति देखने को मिल रही है... वो तो सिर्फ आकार है... सनातन सम्राट माने जाने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम राम तो दिलों में बसते हैं... फिर भी ये राजनीति और सियासत श्री राम को लेकर कब खत्म होगी... इसका जवाब किसी के पास नहीं है...